दिल की बातें
ऐतराज़ अक्सर खुशियों को होती हैं।
मैंने गमों को नखरे करते नहीं देखा ।।
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मैं कब कहा मुझे गमं या मूहब्बत से नवाज दो तुम ,
ग़ैर बन के ही सही एक बार आवाज़ तो दो तुम ।।
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यूं ही थोड़ी वो धूप की वजह से नजरें चुराती थी ,
कल दीदार हुआ था चांदनी रात में
तो देखा मै कैसे वो नजरें चुरा के मुस्करा रहीं थी ।।
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मोहब्बत की चाहत हो तो चेहरे पर मुस्कान कायम
रखे क्यूकी नकाब और नसीब सरकता जरूर है ।।
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तेरा नज़र मिलाना हुनर था , मेरा नज़र चुराना इश्क़,
तेरा शाम हो जाना हुनर था , मेरा रात तक जगाना इश्क।।
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चाहत होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो ख़ुद-ब-खुद बन जाते हैं ।
जो साथ होता है उसे कौन याद करता है ,
याद तो उसे करते हैं को साथ छोड़ जाता हैं ।।
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प्यार चाहे कितनी भी सच्चा क्यों ना हो
अगर उसे जताने का तरीका ना हो तो ,
खुदा भी अजान को आदत समझ लेता है ।।
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कबूल कैसे करू उन लोग का ये फैसला ,
जो मेरे ही ख़िलाफ़ मेरा सबूत मागते हैं ।।
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वो चांद हैं तो उसका अस्क पानी में जरूर आएगा,
किरदार खुद उभर के अपनी कहानी में आएगा ।।
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फिर ना कर बैठे मेरी जिंदगी की दुआ कोई ,
मेरे हुक़्मरान मेरे जनाजे में शामिल रहना ।।
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उनको दिलो कि बेताबी बढ़ाने की लत है ,
वरंना हमें तो सुकून खैरियत में मिली थी।।
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कैसे कह दूँ की आज मैं अकेला हूं ।
उसका आरजू भी तो हैं जो सोने नहीं देता ।।
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यूं तो दिल बहलाने के लिए उनको दिल दिया था ,
मगर अब उनके तैरे-ऐ-इश्क पर मेरी ज़िन्दगी कुर्बान ।।
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रोज किसका इंतजार होता है,
रोज दिल बेकरार क्यों होता हैं।
काश कोई समझ पाता ख़ामोश रहने
वालो को भी किसी से प्यार होता हैं ।।
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रोज सुबह उठ के तुझे याद कर लिया करता हूं ,
सोने से पहले तेरी खुशहाली की फरियाद कर लिया करता हूं।
सुना है ईस्तफाकन सपने भी सच हो जाते हैं,
इस लिए सपने में भी तुमसे मुलाकात कर लेता हूं।।
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ऐतराज़ अक्सर खुशियों को होती हैं।
मैंने गमों को नखरे करते नहीं देखा ।।
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मैं कब कहा मुझे गमं या मूहब्बत से नवाज दो तुम ,
ग़ैर बन के ही सही एक बार आवाज़ तो दो तुम ।।
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यूं ही थोड़ी वो धूप की वजह से नजरें चुराती थी ,
कल दीदार हुआ था चांदनी रात में
तो देखा मै कैसे वो नजरें चुरा के मुस्करा रहीं थी ।।
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मोहब्बत की चाहत हो तो चेहरे पर मुस्कान कायम
रखे क्यूकी नकाब और नसीब सरकता जरूर है ।।
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तेरा नज़र मिलाना हुनर था , मेरा नज़र चुराना इश्क़,
तेरा शाम हो जाना हुनर था , मेरा रात तक जगाना इश्क।।
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चाहत होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो ख़ुद-ब-खुद बन जाते हैं ।
जो साथ होता है उसे कौन याद करता है ,
याद तो उसे करते हैं को साथ छोड़ जाता हैं ।।
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प्यार चाहे कितनी भी सच्चा क्यों ना हो
अगर उसे जताने का तरीका ना हो तो ,
खुदा भी अजान को आदत समझ लेता है ।।
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कबूल कैसे करू उन लोग का ये फैसला ,
जो मेरे ही ख़िलाफ़ मेरा सबूत मागते हैं ।।
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वो चांद हैं तो उसका अस्क पानी में जरूर आएगा,
किरदार खुद उभर के अपनी कहानी में आएगा ।।
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फिर ना कर बैठे मेरी जिंदगी की दुआ कोई ,
मेरे हुक़्मरान मेरे जनाजे में शामिल रहना ।।
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उनको दिलो कि बेताबी बढ़ाने की लत है ,
वरंना हमें तो सुकून खैरियत में मिली थी।।
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कैसे कह दूँ की आज मैं अकेला हूं ।
उसका आरजू भी तो हैं जो सोने नहीं देता ।।
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यूं तो दिल बहलाने के लिए उनको दिल दिया था ,
मगर अब उनके तैरे-ऐ-इश्क पर मेरी ज़िन्दगी कुर्बान ।।
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रोज किसका इंतजार होता है,
रोज दिल बेकरार क्यों होता हैं।
काश कोई समझ पाता ख़ामोश रहने
वालो को भी किसी से प्यार होता हैं ।।
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रोज सुबह उठ के तुझे याद कर लिया करता हूं ,
सोने से पहले तेरी खुशहाली की फरियाद कर लिया करता हूं।
सुना है ईस्तफाकन सपने भी सच हो जाते हैं,
इस लिए सपने में भी तुमसे मुलाकात कर लेता हूं।।
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