तेरे जैसा यार कहा 

मेरी पहली मोहब्बत कुछ अलग सी थी जिसे आप ये भी कह सकते हैं कि मेरी वाली सबसे अलग हैं  ❗
हम एक दूसरे से अच्छे से बात भी नहीं करते थे लेकिन घंटों एक दूसरे को देखा जरूर करते थे और घंटों देखने के बाद उनकी शरमती हुई स्माइल ऐसे लगता जैसे  सोते टाइम कोई बोले भाई चाय पिएगा ❗
अब हालात कुछ यूं था कि पूरा क्लास उनको भाभी नाम से ही  जानने लगा।    🛑
तो कहानी हैं मेरी पहली मोहब्बत की मै क्लास में 8 था और स्कूल मेरे घर से काफी दूर था तो मुझे बस से जाना पड़ता था जिसकी वजह से स्कूल में  मै लगभग सबसे पहले पहुंच जाता था और उनका घर स्कूल के पास में था फिर भी वो लेट ही आ के मेरे इंतजार बढ़ाया करती थी।   ♋
 तो नाम था उसका पूजा , पूजा जायसवाल हाइट 5'4 , आंख    में हल्का सा काजल के साथ बेशुमार खुशी , थोड़ी क्यूट वाली मोटी , और होंठों से कभी ना जाने वाली स्माइल.....
मै क्लास के गेट से उनका इंतजार करता रहता था और  लगभग सबसे आख़िरी में वो पिंक साइकिल दिखाई देती थी जिसे देख के मेरे दिल को सुकून आता था उनकी ये आदत थी कि वो  गेट से मुझे देख के शरमाते हुए नजरें चुरा के क्लास में एंट्री करती थी तो मुझे  गेट पे खड़ा देख  शरमाते हुए hello बोलती और अन्दर चली जाती थी शायद वो जितना मेरे से शरमती थी उससे दोगुना मैं उनसे शरमाता था मैं भी hii  बोलने की कोशिश करता था लेकिन उनके सामने मेरी आवाज ही बंद हो जाती थी और मैं शरमाते हुए पलके झपका देता था,  उसी में अपना दुआ सलाम सब हों जाता  था।  🛐
ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और अब हम दोस्त बन चुके थे ।
तो अपना फेवरेट सब्जेक्ट था हिंदी वजह ये थी कि , क्लास में एंट्री के टाइम सर बोल देते थे जिसके पास बुक नहीं है वो बाहर निकाल जाएं इतना बोलने के बाद क्लास में 4-5 लडके और  10-12  लड़कियां ही रह जाती थी।
तो सबसे पहले सर को मैं अपनी बुक दे देता था और मेरे बाजू वाले डेक्स पर बैठी पूजा की बुक से पढ़ा करता था पढता काम उनके आंखो की काली देखा करता  था और उनकी स्माइल जैसे चांद तारो सब मेरे क्लास में आशियाना बना लिया हो  ❗❗❗❗

 लेकिन...... बस हम दोनों एक दूसरे को देखा ही करते थे टाइम मिला तो बुक देखते थे लेकिन कुछ बातें नहीं हो पातीं थी क्यूकी हम-दोनों  एक-दूसरे से एक- दूसरे के दोगुना शमारते थे 🛑
तो एक दिन मैं हिम्मत किया और उनकी बुक पर अपना नाम ही बस  लिखा कि उनके चेहरे से स्माइल गायब हो गई जैसे मै कोई बड़ा गुनाह कर दिया,  आजतक जो क्लास ख़त्म ना होने की दुआ मांगता था आज उस क्लास में एक एक पल नहीं कट रहा था हजार बातें दिमाग में चल रही थी ।
जैसे ही क्लास ख़त्म हुआ में क्लास से बाहर निकाल गया । तो मैं कुछ ऐसा देखा जिससे मुझे मेरी आखो पर भरोसा नहीं रहा  , मै देखा की जो लड़की अपनी सीट से छुट्टी के पहले कहीं जाती तक‌ नहीं जो किसी से बात तक नहीं करती वो आज क्लास के बाहर कुछ ढुंढ रही हैं
मुझे पता था कि वो मुझे ढुंढ रही हैं तो मै खुद ही ऐसे जगह आया जहा से वो मुझे देख सकें...…. तो वो देखी और अपने पास आने का ईशारा कि , अब घबराया हुआ गया उनके पास वो सीधा यहीं बोली कि जो खुराफाथ दिमाग में हैं वो निकाल दो प्यार वार कुछ नहीं है पहली बार वो मेरे सामने कुछ बोल रही थी मै बस उनकी सभी बातो  में हामी भरता रहा , उनके काजल पे आंखे टिकी हुई थी ।
 फिर वो बोली पागल तेरी वजह से मेरी भी क्लास छूट गई ,मै बोला हा तो बोली हां क्या पागल अन्दर जा के क्या बोलेगा , मै बोला ठीक है फिर हम यही बैठ के क्लास खत्म होने का इंतज़ार करते हैं❗
फिर हम बैठे और बातचीत  सिलसिला शुरू हुआ,  उन्होंने  अपने बारे में सबकुछ बताया मुझे  और मेरे से वो जो कुछ भी पूछी बेसक ईमानदारी से मै भी उनका जबाव दिया ♋♋
 बस तभी से वो आरूजू , ख्वाइश,  सपना , हकीकत सब शुरू हो गया ❗❗
एक दिन मै बोला कि कल मै स्कूल नहीं आ सकता वजह पूछी तो बताया कि मेरा birthday आने वाला है तो उसके लिए कुछ लेना हैं तो वो बोली अच्छा ये बताओ मै तुमको क्या दो , मै शरमाते हुये बोला अरे कुछ नहीं 🛑
 मेरे एक बार बोलने पर वो दोबारा नहीं पूछी तो मुझे थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर ऐसा लगा जैसे उनके दिमाग में कुछ छाप गया हो ❗
तो  birthday आया तो वो एक डेनिम शर्ट लेे आयी  जो मेरे से बड़ी थी मुझे पता था वो अपने भाई की लायी हैं पर मुझे कोई ऐतराज़ नहीं था .....
अब जब सब कुछ अच्छा होने ही वाला था कि अचानक से किसी की नजर लगी और  उनका स्कूल आना बंद हो गया ❗
मै काफी कोशिश किया लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया एक उम्मीद थी कि वो एग्जाम देने आएंगी लेकिन जब एग्जाम देने भी जब नहीं आयी तो मैं नाउम्मीद हो टूट चुका था बस इसी उम्मीद में था कि एक दिन पूजा आएगी या मेरे भाई‌ का नंबर उनके पास था तो कभी उनका  कॉल आएगा ,
इसी उम्मीद में  हर शाम भाई का मोबाइल देखता था कहीं कोई unknown नंबर दिखा तो कॉल कर के पता करता था कि पूजा तो नहीं है ना,  और फिर बहुत सराफत से भाई को मोबाइल दे दिया करता था ।
एक  दिन मेरा भाई आया और बोला पूजा कोन हैं बे!!!!
 ये सुन  के इतना ख़ुश हो गया कि अन्दर ही अंदर नाचने लगा , भाई ने बोला किसी पूजा का कॉल आया था बात कर लेना, मै बोला ठीक है लेकिन अंदर से तो मन‌ कर रहा था की मोबाईल छीन के अभी बात करू
तो कॉल किया  बात हुए उनसे मिलने का टाइम फिक्स किया 3 दिन बाद का ।
 तो मैं अपनी डेनिम शर्ट निकलवाया जो अब फिट हो रही थी अब सोच लिया था कि आज दिल की बात बोल दूंगा ।
मीटिंग पॉइंट फिक्स हुई अपने स्कूल के पास 11 बजे ।
मैं अपनी डेनिम शर्ट के साथ 10:30 को पहुंच गया बहुत मुश्किल से 11 बजा लेकिन अभी भी वो कहीं दिख नहीं रही थी 11:30 हुआ मेरी बेताबी बढ़ने लगी अब 12 बज चुका था मेरे से सब्र नही  हो रहा था तो मै पास की दुकान में गया वहां लोग ऑर्टो वालो को गाली देे रहे की अच्छे से नहीं चलते हैं बला बला तो मैं पूछा क्या हुआ भैया ..... तो उनका जबाव मेरा होश, आरूजू , ख्वाइश,  सपना , हकीकत सब तोड़ने के लिए काफी था उन्होंने बताया कि साईकिल से आ रही एक लड़की को आर्टो वाले ने टक्कर मर दी.........
वो लड़की थी पूजा ............
वो शर्ट आज भी रखा हुं इसलिए नहीं कि उनकी याद दिलाती हैं याद तो‌‌ दिलाती ही है और उसे देखता हूं तो सबक मिलता हैं जिसे जो बोलना है आज ही बोल दो ।
       
                      लगता टूट गया कोई तार है
                  कह रहा ये ख़ामोश साज़ है

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