" असफलता का कारण "

उस दिन हम सब भाई-बहन जाश्न में डूबे हुए थे मौका था. शादी का.
सभी रिश्तेदार औप परिवार वाले एक साथ इकट्ठा हुए थे। हम 8-10 भाई बहन बरसों बाद मिले थे तो गांव घूमने निकाल गये।
झुनझुन भईया जो उम्र में हमलोगों से काफी बड़े हैं.. उन्होंने अपने एक बचपन के दोस्त के बारे में बताया और हम सब उनके यार से याराना करने पहुंच गए ।
उनके घर गए तो वो कहीं बाहर गए हुए थे उनकी मां थी.. जिनका काफी उम्र हो गई थी,  वो समझ नहीं पा रही थीं इतने लोगों को देख को वो खुश हो या चिन्तित .......

थोड़ी बात-चीत हुई तभी मेरे करन के अर्जुन मतलब भईया के दोस्त साहब आ गए. और बात-चीत का  सिलसिला शुरू हुआ , हम सबको जो वो देखे नहीं थे अचानक से इतने बड़े देख के बहुत खुश हुए,  सबने अपने बारे में बारी-बारी से बताया. जैसे किसी की शादी होने वाली है , किसी की हो गई, कोई बच्चे वाला है तो कोई जॉब कर रहा है तो कोई अभी 10वीं क्लास में हैं ......
अब सब कुछ अच्छे से चल रहा था कि अचानक से बात किसी और टॉपिक पर पहुंच गई और अब तक जो सब लोग मस्त मिजाज थे उनके चेहरे पे उदासी आ गई  और सब लोग अपनी परेशानी गिनने लगे।

अब इतना माहौल बदल चुका था कि एक मेरे भाई जो सबसे ज्यादा मजे कर रहे थे वो अपनी जॉब और सैलरी की बात करते लगे और उसके चेहरे से हसी नदारत हो आंखो में आशु झलकने लगी. जो देख कर सब सन्न रह गए फिर उन्होंने खुद को संभाला इतने में घर में से एक बूढ़े दादाजी आए और बाते करने लगे. बातों के दरम्यान पूछा  कि छाछ पीते हो आपलोग...
तो सबने हां में जबाव दिया तो वो घर से ताजा ताजा छाछ मंगवाये, लेकिन अब प्रॉबलम ये थी कि हम 9-10  लोग हो गए थे और इतने उनके घर में ग्लास नहीं थी अब वो बहुत मुश्किल से 10 ग्लास पूरा की जिसमे कोई छोटी थी तो कोई बड़ी , कोई नई‌ तो‌ कोई पुरानी , कोई कोने से दबी हुए थी तो कोई से कटी हुई , लेकिन एक बात था सब ग्लास बहुत अच्छे से साफ किया गया था तो उसमे पीने से कोई मना नहीं किया , अब सबने एक एक ग्लास उठाई  और  झटके में पी गए ।
तभी दादा जी ने कुछ ऐसा बोला......
अगर आप‌ लोग अपनी ग्लास को देखे तो आपसब ने महंगा और सुंदर ग्लास ही उठाए है हमलोग अपनी जिंदगी में अपने लिए हमेशा बेस्ट चीज चाहते हैं , अच्छे कपड़े , अच्छा घर,  अच्छी गाड़ी ये सब उस ग्लास जैसा ही हैं ग्लास चाहे कितनी भी अच्छी और महंगी क्यों ना हो वो छाछ का टेस्ट नहीं बदल सकती और हैं सस्ती ग्लास में भी अच्छी छाछ पी सकते हैं हम लेकिन महगीं ग्लास में खट्टी छाछ कभी नहीं पी सकते तो हमें अपनी छाछ की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए ना की ग्लास पर।।

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